Sunday, March 26, 2023
अर्जुन उवाच
स्थितप्रग्यष्य का भाषासमाधिष्थस्य केशव ।
स्थितधी: किम्प्रभाषेत किमासीत व्रजेत किम्॥ (54)
अर्जुन बोले ---- हे केशव समाधि मे स्थित परमात्मा को प्राप्त हुए स्थिर बुद्धि पुरुष का क्या लक्षण है ? वह स्थिर बुद्धि पुरुष कैसे बोलता है , कैसे बैठता है और कैसे चलता है ।
श्री भगवान उवाच
प्रजहाति यदा कामांसर्वांपार्थ मनोगतान् ।
आत्मन्येवात्मना तुष्ट: स्थित्प्रग्यस्तदोच्यते ॥(55)
श्री भगवान बोले ==हे अर्जुन जिस काल मे यह पुरुष मन मे स्थित सम्पूर्ण कामनाओ को भली भांति त्याग देता है और आत्मा से आत्मा मे ही संतुष्ट रहता है , उस काल मे वह स्थित प्रग्य कहा जाता है ।