श्लोक :
एवमुक्तो हृषीकेशो गुडाकेशेन भारत :
सेनयोरुभयोर्मद्धे स्थापयुत्वा रथोत्तमम :(२४)
अर्थ:
हे भारतवंशी!
अर्जुन द्वारा इस प्रकार संबोधित किए जाने पर भगवान् कृष्ण ने दोनों दलों के बीच में उस उत्तम रथ को
लाकर खड़ा कर दिया.
व्याख्या:
संजय द्वारा ध्रितराष्ट्र को 'भारत' हे भरतवंशी संबोधित करना एक शालीन एवं शिष्ट व्यवहार को दर्शाता है. गुडाकेश अर्थात निद्रा को जीतना वाला, यह नाम अर्जुन के लिए प्रयुक्त किया गया. संभवतः संजय ध्रितराष्ट्र को स्मरण दिलाना चाहता है की यह अर्जुन निद्राजित है अर्थात अज्ञान को इसने ज्ञान से जीता है. यह वासुदेव का परम भक्त है यह नित्य आठों याम हृषिकेश का नाम जपता है. उस परम सत्ता में सतत मन को रमा देने वाला भला अज्ञान रुपी निद्रा को दूर कैसे नहीं कर पाएगा. अर्थात अर्जुन सतत जाग्रत है क्योंकि वो श्री कृष्ण का भक्त है. संजय एक तटस्थ पात्र है जो परिस्थितियों की सम्यक विवेचना करने में निपुण है . वह जिसको सुना रहा है उसका आदर पूर्वक संबोधन कर रहा है. 'भारत' कहकर एवं जिसकी चर्चा कर रहा है उसका भी विशेषण के साथ संबोधन करके संजय का तटस्थ हो सम्यक एवं पूर्ण युद्ध का वर्णन करना एक स्वतात्न्त्र टिप्पणीकार का धर्म बताता है.
एवमुक्तो हृषीकेशो गुडाकेशेन भारत :
सेनयोरुभयोर्मद्धे स्थापयुत्वा रथोत्तमम :(२४)
अर्थ:
हे भारतवंशी!
अर्जुन द्वारा इस प्रकार संबोधित किए जाने पर भगवान् कृष्ण ने दोनों दलों के बीच में उस उत्तम रथ को
लाकर खड़ा कर दिया.
व्याख्या:
संजय द्वारा ध्रितराष्ट्र को 'भारत' हे भरतवंशी संबोधित करना एक शालीन एवं शिष्ट व्यवहार को दर्शाता है. गुडाकेश अर्थात निद्रा को जीतना वाला, यह नाम अर्जुन के लिए प्रयुक्त किया गया. संभवतः संजय ध्रितराष्ट्र को स्मरण दिलाना चाहता है की यह अर्जुन निद्राजित है अर्थात अज्ञान को इसने ज्ञान से जीता है. यह वासुदेव का परम भक्त है यह नित्य आठों याम हृषिकेश का नाम जपता है. उस परम सत्ता में सतत मन को रमा देने वाला भला अज्ञान रुपी निद्रा को दूर कैसे नहीं कर पाएगा. अर्थात अर्जुन सतत जाग्रत है क्योंकि वो श्री कृष्ण का भक्त है. संजय एक तटस्थ पात्र है जो परिस्थितियों की सम्यक विवेचना करने में निपुण है . वह जिसको सुना रहा है उसका आदर पूर्वक संबोधन कर रहा है. 'भारत' कहकर एवं जिसकी चर्चा कर रहा है उसका भी विशेषण के साथ संबोधन करके संजय का तटस्थ हो सम्यक एवं पूर्ण युद्ध का वर्णन करना एक स्वतात्न्त्र टिप्पणीकार का धर्म बताता है.
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