Friday, July 2, 2010

shri mad bhagvad gita pratham addhyay ...aage...

श्लोक ; अन्ये च बहवा शूरा मदर्थे त्यक्त जीविता  I
          नाना शस्त्र प्र्हरना     सर्वे युद्ध विशारदा II९
अर्थ :  ऐसे अन्य अनेक वीर भी हैं जो मेरे लिए अपना जीवन त्याग करने के लिए उद्यत हैं वे विविध प्रकार के हथियारों से सुसज्जित हैं और युद्ध विद्या में निपुण हैं I
व्याख्या :  दुर्योधन के पक्ष में जयद्रथ कृतवर्मा शल्य आदि बहुत सारे योद्धा हैं जो युद्ध में अपने प्राणों की बाजी लगा कर युद्ध करने की इक्षा को लेकर आये हैं यद्यपि    वे सारे योद्धा  पापी   एवं दुराचारी हैं इसलिए कुरुक्षेत्र  में उनका मृत्यु के मुख में जाना अवश्यम्भावी है तथापि वे सारे के सारे योद्धा दुर्योधन के मित्र भी हैं यही कारण है की उन सभी का समवेत  बल दुर्योधन के बल को बढ़ाये रखता है युद्ध  में प्राणों की  परवाह न करने वाले योद्धाओं  के विषय में दुर्योधन अपने सेना पति को बता कर उनके मन में उत्साह की वृद्धि करता है इस तरह की वार्ता दुर्योधन के कूटनैतिक सूझ बूझ का परिचायक है

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